परिवार आईडी द्वारा राशन कार्ड विवरण खोजें – हरियाणा परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)
About Post : – राशन कार्डों को तेजी से बनाने और उनका लाभ गरीब लोगों को जल्दी से उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा सरकार इस दिशा में सख्ती से काम कर रही है। वे लगातार उन योजनाओं को खोजने और लागू करने की तलाश में हैं जिनके माध्यम से वे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की मदद कर सकें। राज्य को अत्यधिक गरीबी से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने ‘राइज ऑफ अंत्योदय’ योजना में बदलाव किया है यानी सभी के उत्थान ने बीपीएल श्रेणी की सीमा बढ़ा दी है।
पहले हरियाणा में परिवारों के लिए बीपीएल की सीमा 1,20,000/- थी। इस सीमा से कम पारिवारिक आय वाले परिवार राशन कार्ड के लाभ के पात्र थे। अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों की आय की सीमा बढ़ा दी है. राशन कार्ड योजना का लाभ अब कई लोग उपयोग कर सकते हैं। परिवार की आय को बढ़ाकर 1,80,000/- कर दिया गया है। तो, इस श्रेणी के नीचे के लोग अब हरियाणा में राशन कार्ड योजना का लाभ उठा सकते हैं
हरियाणा सरकार ने लोगों के लिए राशन कार्ड बनाने की पहल की है। हरियाणा सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवार पहचान पत्र के तहत जहां परिवार के सभी विवरण संग्रहीत किए जाते हैं। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार ने बीपीएल राशन कार्ड जारी करने का काम शुरू कर दिया है।
प्रदेश में डेढ़ साल से लोगों के राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं। लंबे समय बाद कुरुक्षेत्र और सिरसा में तो यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई, लेकिन बाकी जिलों के लोगों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने पूरे प्रदेश में राशन कार्ड बनाए जाने की फाइल सरकार को भेजी है। वहां से मंजूरी के बाद राज्य में नए राशन कार्ड बनाए जाएंगे। अब सभी राशन कार्ड ऑनलाइन बनेंगे। खास बात यह है कि बीपीएल और एएवाई कार्ड अब परिवार पहचान पत्र में दर्ज कराई आय के अनुसार ही बनेंगे। जिन परिवारों की आय 1.20 लाख रुपए सालाना तक है, उनके एएवाई कार्ड बनेंगे। वहीं, 1.20 से 1.80 लाख रु. सालाना आय वालों के बीपीएल कार्ड बनेंगे। सभी पात्रों को ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र की वजह से नए राशन कार्ड पर फरवरी 2020 में रोका लगाई थी। अब तक राज्य में करीब 67 लाख परिवार पहचान पत्र बन चुके हैं। राशन कार्ड 27 लाख ही थे।
यह आ रही हैं दिक्क्तें
• शादी होने के बाद ससुराल आने वाली महिलाओं के ढाई साल से राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़े हैं। इससे उनके वोटर कार्ड भी नहीं बन पाए, क्योंकि वोटर कार्ड के लिए दो आईडी की जरूरत होती है।
• राशन कार्ड और वोटर कार्ड न होने की वजह से मूलनिवास प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। इससे युवाओं को नौकरियों में आवेदन करने में भी परेशानी आ रही है।
• जिन बच्चों का जन्म इस अवधि में हुआ है, उनका नाम नहीं जुड़ा है, जिससे परिवारों को उन बच्चों के नाम का राशन नहीं मिल पा रहा है।
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